7 मई को देशभर में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल: क्या करना है, क्यों करना है जानिए

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 (बुधवार) को पूरे देश के 250 से अधिक जिलों में एक बड़ी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसे गंभीरता से लेने के निर्देश सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए गए हैं।

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इसका मुख्य उद्देश्य है –

हवाई हमलों की स्थिति में नागरिक प्रतिक्रिया जांचना। ब्लैकआउट और इलेक्ट्रॉनिक विफलता जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी। सुरक्षा तंत्र, उपकरणों और मानव संसाधन की दक्षता की समीक्षा।

किन जिलों में होगा अभ्यास?

देशभर के 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट, जिनमें से 244 मॉक ड्रिल के लिए चिन्हित। मुख्य रूप से राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और सीमावर्ती राज्य। उत्तर प्रदेश के 19 जिले शामिल हैं। यह जिले सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं हैं, बल्कि विशेष नागरिक सुरक्षा केन्द्र माने जाते हैं।

कौन-कौन होगा शामिल?

शिक्षण संस्थानों के छात्र

सरकारी व निजी संस्थानों के कर्मचारी

अस्पताल, रेलवे, मेट्रो के स्टाफ

पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और सेना के जवान

नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक जो ट्रैफिक और आपात ड्यूटी में तैनात होते हैं

क्या करना होगा नागरिकों को?

गृह मंत्रालय ने नागरिकों को भी सचेत किया है कि वे इस अभ्यास में सक्रिय भाग लें और अपने घरों में निम्न वस्तुएं तैयार रखें:

चिकित्सा किट

मशालें और मोमबत्तियां

थोड़ी नकदी

आपातकालीन नंबरों की सूची

यह अभ्यास जनता में सजगता बढ़ाने और समय पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

सुरक्षा तैयारी का उद्देश्य

नई और जटिल सुरक्षा चुनौतियों, जैसे सीमा पार तनाव और आतंकी खतरे का जवाब। तकनीकी विफलता, हवाई हमले और आपदा के समय की जमीनी तैयारी। नागरिक सुरक्षा ढांचे की कमी और क्षमताओं की पहचान।

क्यों अहम है ये अभ्यास?

हाल ही में पहुलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के चलते इस अभ्यास का महत्व और बढ़ गया है। इस प्रकार की मॉक ड्रिल से न केवल सुरक्षा तंत्र की तैयारी जांची जाती है, बल्कि आम नागरिकों को भी मानसिक रूप से तैयार किया जाता है।

7 मई को होने जा रही यह राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत के लिए सुरक्षा सतर्कता का परीक्षण है। आम नागरिकों, छात्रों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का इस अभ्यास में सक्रिय भागीदारी ही इसे सफल बना सकती है।

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